गहिरिताल

  • रचो रचो हिमान्जल ब्याऊँ ॐ । ॐ । गौरा को ब्याउन शिव चले ।
  • कौन दिशाको माडा उँ । २
  • कौन दिशाको ब्याउँ — ॐ गौराको ब्याउन................
  • पश्चिम दिशाको माडाउँ । २
  • उत्तर दिशाको ब्याउँ — ॐ गौराको ब्याउन.............
  • कौन तिथिको वरत –२
  • कौन तिथिको ब्याँउँ ॐ गौराको ब्याँउन.......
  • एकादशि को वरत २
  • दुवादशी को ब्याँउँ ॐ गौराको ब्याउन.......

ताल धुमाल सम्पादन गर्नुहोस्

  • मत् जाहो पिया होली, आय रही, मत जाहो पिया होली आय रही ।
  • आयो बशंत सवि बन फुले ।
  • ऐसि नयाँ ऋतु आँय रहि ।। मत् जाहो.......
  • मोर चकोर पपिया बोले ।
  • कोयल सयु(स्वर) सुनाय रहे ।। मत् जाहो .......
  • जिनके पिया परदेश वसंत है ।
  • उनकि नारी सोच रही ।। मत् जाहो ......
  • जिनके पिया नित धरपर बैठे ।
  • उनकि नारी रंग रहि मत जाहो ....
  • आवो गोरी खेलौं होली ।
  • रंग मे धुम उडाय रही ।। मत जाहो ......
  • जो । जो । तान मरे मुरली पर ।
  • सो । सो तान सुनाय रहि – मत जाहो ....

सुन्दर बर राम सलौना है–सुन्दर बर राम सलौना है सम्पादन गर्नुहोस्

  • कौन पुरीको जन्म तुहारो (तुम्हारो) ।
  • कौन राजा का छौना है – सुन्दर वर.....
  • अवधपुरीको जन्म हमारो ।
  • राजा दशरथका छौना हौ – सुन्दर वर....
  • कौन के कोखि जनम लियो है ।
  • कौनले दुध पिलाया है – सुन्दरु वर.....
  • कौशिल्या कोखि जन्म हमारौ ।
  • सोमित्रा दुध पिलाया है – सुन्दर वर ....
  • काँहि के कारण जन्म तुम्हारो ।
  • कौन पुरीमे जाना है – सुन्दर वर..
  • रावण मारन जन्म हमारो ।
  • जनक पुरीमे जाना है – सुन्दर वर ...

भुज दशरथ नन्दन जनक लली—२ सम्पादन गर्नुहोस्

  • दशरथ पुत्र प्रकट भए है ।
  • राजा जनक कि भइ है लली – भजु...
  • सिता स्वयम्वर यज्ञ रचो है ।
  • बात चलि है धनुष कि वलि – भजु...
  • कठिन धनुष है शिव शंकर को ।
  • कठिन धनुष को खण्ड वलि – भजु...
  • सव देशनके भुपति आए ।
  • राजा जनक के द्धार वली– भजु..
  • विश्वामित्र जनक पुर आए ।
  • संग लिए रघुनाथ वलि, –भजु
  • वाँया करसे धनुष उठाए ।
  • कठिन धनुष को खण्ड वलि – भजु....
  • सब देश के भुपती जोथे ।
  • धनुष न तोडी लजाय वलि– भजु ...

गहिरी सम्पादन गर्नुहोस्

  • क— दीपक ज्योती वदन वरसो सिय सुन्दर चन्द्र सुरज लाए ।
  • ख— वर पाए – वर पाए रघुनाथ हरे । सीता परमेश्वर – वर पाए
  • धन्य धन्य सीता भाग्य तुमारो ।
  • रघुवरजैसे पतिपाए – सीतापरमेश्र वरपाए र
  • धन्य धन्य सीता भाग्य तुमारो ।
  • दशरथजैसे सशुरपाए –सीता परेमेश्वर पाए ।
  • धन्य धन्य सीता भाग्य तुमारो
  • कौशिल्याजैसी सासुपाए – सीतापरमेश्वर पाए
  • धन्य धन्य सीता भाग्य तुमारो
  • अयोध्याजैसी पुरीपाए –सीता परमेश्वर पाए ।
  • धन्य धन्य सीता भाग्य तुमारो
  • लक्ष्मणजैसे देवर पाए –सीता परमेश्पर पाए ।
  • धन्य धन्य सीता भाग्य तुमारो ।
  • सुग्रीवजैसे मितपाए – सीता परमेश्वर पाए ।
  • धन्य धन्य सीता भाग्य तुमारो ।
  • हनिमन्तजैसे दुतपाए– सीता परमेश्वर पाए ।