महाभारत खण्ड १९: संशोधनहरू बीचको भिन्नता

==शांति दूत श्रीकृष्ण ,युद्ध को शुरुवात तथा श्रीकृ... को साथमा पृष्ठ शृजना भयो
 
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==शांति दूत श्रीकृष्ण ,युद्ध को शुरुवात तथा श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को उपदेश ==
[[चित्र:Viraatrup.jpg|thumb|left|200px|श्रीकृष्ण को अर्जुन को विराट रुप दिखानाप्रदर्शन]]
धर्मराज युधिष्ठिर आठ अक्षौहिणी सेना कोसेनाको स्वामी भएर कौरवों संगकौरवसंग युद्ध गर्न लाई तैयार भए। पहिले भगवान् श्रीकृष्ण परम क्रोधी दुर्योधन को नजिकै दूत बनएर गये। उनले ग्यारहएघार [[अक्षौहिणी]] सेना को स्वामी राजा दुर्योधन देखि कहाभने -
 
'राजन्! तिमी युधिष्ठिर को आधा राज्य दे दुइ या उनलाई पाँच नै गाँव अर्पित गरेर दो; हैन त उनसंग युद्ध करो।'